भगवान बुद्ध एवं महावीर की तपोभूमि से शिक्षा का आलोक उस समय तिरोहित हो गया जब विश्व प्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय धूल में मिल गया। बहुत दिनों तक पूरा प्रक्षेत्र तिमिराच्छादित रहा। अज्ञानता एवं पिछडे़पन के गहन तिमिर को छिन्न-भिन्न करने के लिए वत्र्तमान शताब्दी में इस प्रक्षेत्र में कुछ प्रकाश स्तंभ खड़े हुए।
श्रीचन्द्र उदासीन महाविद्यालय, हिलसा, नालन्दा कॉलेज, बिहार शरीफ के बाद निर्मित दूसरा प्रकाश स्तंभ है जिसने नालन्दा प्रक्षेत्र के अज्ञान के अंधकार को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है। ऐतिहासिक स्थल हिलसा में श्रीचन्द उदासीन महाविद्यालय की स्थापना सन् 1955 में परम् पूज्य बाबा विष्णु प्रकाश उदासीन उर्फ झक्कड़ बाबा ने की, जिनकी कुटिया आज भी महाविद्यालय के समीप अवस्थित है। बाबा उदासीन समप्रदाय के एक संत थे। बाबा के इस अथक प्रयास में उनके भक्त श्री अनंग विजय मित्र (अधिवक्ता), जमशेदपुर निवासी के अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। सन् 1957 में इस महाविद्यालय में कई प्रमुख कला विषयों में इंटर स्तर तक सम्बद्धता प्राप्त हुई। पुनः 1959 में बी0 ए0 स्तर तक की सम्बद्धता प्राप्त हुई। 1964 में इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर तक विज्ञान की पढ़ाई प्रारंभ हो गई। समयानुसार पास एवं प्रतिष्ठा की भी पढ़ाई प्रारंभ हो गई। 1976 में यह महाविद्यालय मगध विश्वविद्यालय की एक अंगीभूत इकाई बन गयी l मार्च 2018 में पाटलिपुत्र विष्वविद्यालय, पटना के स्थापना होने के समय से यह महाविद्यालय पाटलिपुत्र, पटना का एक अंगीभूत इकाई है।
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं सहकर्मियों,
S.U. College, Hilsa (Nalanda) के गौरवशाली परिवार की ओर से आप सभी का हार्दिक स्वागत है। यह संस्था नालंदा की ज्ञानभूमि पर स्थित एक प्रतिष्ठित शिक्षण केंद्र है, जहाँ शिक्षा को केवल पुस्तक ज्ञान तक सीमित न रखकर, जीवन मूल्यों और सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ा जाता है। हमारा लक्ष्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो न केवल अपने क्षेत्र में सफल हों, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दे सकें।
शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा में अंक प्राप्त करना नहीं, बल्कि सोचने, समझने और सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है। हमारे समर्पित शिक्षकगण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयत्नशील हैं। कॉलेज का वातावरण अनुशासन, सहयोग और सकारात्मकता से परिपूर्ण है, जहाँ प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है।
प्रिय विद्यार्थियों, आप हमारे देश की शक्ति और भविष्य हैं। आपका प्रत्येक प्रयास न केवल आपके जीवन को, बल्कि समाज के भविष्य को भी दिशा देता है। कठिन परिश्रम, सत्यनिष्ठा, और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़िए — यही सफलता की सच्ची कुंजी है। शिक्षा के इस पवित्र पथ पर चलकर आप अपने जीवन को ज्ञान, संस्कार और सेवा से समृद्ध बनाइए।
अंत में, मैं समस्त शिक्षकगण, कर्मचारी, अभिभावक और विद्यार्थियों को धन्यवाद देता हूँ, जिनके सहयोग और समर्पण से यह संस्था निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। आइए, हम सब मिलकर S.U. College, Hilsa (Nalanda) को शिक्षा और संस्कार का आदर्श केंद्र बनाएँ।